यह राज्य सरकार देगी पराली प्रदूषण को रोकने के लिए १ हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि

हरियाणा सरकार द्वारा पराली को जलाने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पराली खरीदने की बात कही है। किसानों द्वारा खेतों में पराली को जलाने (stubble burning) से रोकने के लिए उन्हें एक हजार रुपए प्रति एकड़ हरियाणा सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताया है कि हरियाणा सरकार पराली के व्यवस्थित प्रबंधन (फसल अवशेष प्रबन्धन) के लिए पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी, इसके लिए सरकार द्वारा अधिकारियों की समिति बनायी गयी है। साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों तक आधुनिक तकनीक, नवीन शोध, कृषि उपकरण एवं उर्वरक पहुँचाना सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। इसे सफल करने हेतु सरकार लगातार कोशिश कर रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल द्वारा कृषि एवं खाद्य तकनीक मेले में आयोजित संगोष्ठि को सम्बोधित करने के दौरान, मेले में हरियाणा पवेलियन का दौरा कर जानकारी ली गयी। किसानों के लिए लगाए गए स्टालों में किसान उत्पादक संगठनों से वार्तालाप की, इस दौरान जे पी दलाल द्वारा किसान उत्पाद समूहों के 13 कम्पनियों के साथ 17 समझौता ज्ञापन भी किये गए।

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हरियाणा सरकार पराली प्रदुषण को रोकने के लिए देगी १ हजार रूपये प्रति एकड़

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार एक मजबूत पराली प्रबंधन एवं बेहतर पर्यावरण को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा ८० हजार सुपर सीडर की तरह कृषि उपकरण मुहैय्या कराये गए हैं, जो राज्य के पराली प्रबंधन को अच्छा बना रहे हैं। सुपर सीडर कृषि यंत्रों को प्रोत्साहन देने के अतिरिक्त, पराली का उद्योगों में इस्तेमाल हेतु जोर दिया जा रहा है। किसानों को एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान कर, किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में घटोत्तरी के साथ-साथ, एनसीआर में प्रदूषण भी कम हो और किसान भी सुखी एवं संपन्न हो।

अंतर्राष्ट्रीय मंडी विकसित करने के साथ किसानों को क्या सुविधाएँ दी जाएँगी ?

जे पी दलाल ने बताया है कि हरियाणा सरकार द्वारा सोनीपत में ५५० एकड़ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की किसान मण्डी विकसित हो रही है। इस अंतर्राष्ट्रीय मण्डी में किसानों को समस्त प्रकार की नवीनतम सुविधाएं मुहैय्या करायी जाएंगी। इसके अतिरिक्त किसान उत्पादक समूहों का गठन भी हो रहा है। इस साल लगभग एक हजार किसान उत्पादक समूह बनाने का संकल्प भी निर्धारित किया गया है। जिसमें से ७०० किसान उत्पादक समूहों का गठन संपन्न हो गया है। इन समूहों द्वारा १३.५० करोड़ रुपए का व्यापार किया गया है। समूहों के माध्यम से किसानों को सीधे फायदा पहुँच रहा है। किसान उत्पादक समूहों में उम्दा पैकेजिग एवं ग्रेडिंग के अनुरूप विपणन का इससे सम्बंधित प्रत्येक किसान को फायदा होगा।

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कृषि मंत्री ने बताया है कि किसानों के लिए कोल्ड चैन टैक्नोलोजी अपनाई जा रही है। इनमें आधुनिक तकनीक आधारभूत संरचना लगायी जाएगी। किसानों के लिए एक्सीलेंट सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। किसानों के लिए जनपदों में भी किसान प्रदर्शनी भी होगी। इनमें देखकर किसान नवीन मशीनरी एवं आधुनिक तकनीक आधारित खेती को अपनाकर फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने मेले के लिए सीआईआई का धन्यवाद किया, जिससे किसान लाभकारी जानकारी ले पा रहे हैं।